छोटे बच्चों के लिए कहानी ( Chhote Bachcho Ke Liye Kahani)
मोची का लालच
नमस्कार दोस्तों, आज का ये कहानी छोटे बच्चों के लिए कहानी ( Chhote Bachcho Ke Liye Kahani) है। इस कहानी में मैंने बताया है कि किस तरह से एक मोची के अंदर लालच भर आता है। मैं आपसे ये विनम्र निवेदन करता हुँ कि आप इस छोटी से कहानी को शुरु से लेकर अंत तक पुरा जरुर पढ़िये।
अगर आप ऐसा करते है तो मैं आपको पुरे दावे के साथ ये कह सकता हुँ कि आपको अगले 2 से 3 मिनट में कुछ न कुछ नया सिखने को जरुर मिलेगा। और आपको पता है कि जब कोइ इंसान कुछ अलग, कुछ नया सिखता है तो उनके अंदर एक अजीब स उर्जा भर आता है। तो बस आप भी इस कहानी को शुरु से अंत तक पढ़िये ।
Chhote Bachcho Ke Liye Kahani |
तो चलिये दोस्तों इस कहानी को शुरु करते है?
मोची का लालच
किसी गाँव में एक धनी सेठ रहता था उसके बंगले के पास एक जूते सिलने वाले गरीब मोची की छोटी सी दुकान थी। उस मोची की एक खास आदत थी कि जो जब भी जूते सिलता तो भगवान(God) के भजन गुनगुनाता रहता था लेकिन सेठ ने कभी उसके भजनों की तरफ ध्यान नहीं दिया ।
एक दिन सेठ व्यापार के सिलसिले में विदेश गया और घर लौटते वक्त उसकी तबियत बहुत ख़राब हो गयी । लेकिन पैसे की कोई कमी तो थी नहीं सो देश विदेशों से डॉक्टर, वैद्य, हकीमों को बुलाया गया लेकिन कोई भी सेठ की बीमारी का इलाज नहीं कर सका । अब सेठ की तबियत दिन प्रतिदिन ख़राब होती जा रही थी। वह चल फिर भी नहीं पाता था।
एक दिन वह घर में अपने बिस्तर पे लेता था अचानक उसके कान में मोची के भजन गाने की आवाज सुनाई दी, आज मोची के भजन कुछ अच्छे लग लग रहे थे सेठ को, कुछ ही देर में सेठ इतना मंत्रमुग्ध हो गया कि उसे ऐसा लगा जैसे वो साक्षात परमात्मा से मिलन कर रहा हो। मोची के भजन सेठ को उसकी बीमारी से दूर लेते जा रहे थे कुछ देर के लिए सेठ भूल गया कि वह बीमार है उसे अपार आनंद की प्राप्ति हुई ।
Chhote Bachcho Ke Liye Kahani |
कुछ दिन तक यही सिलसिला चलता रहा, अब धीरे धीरे सेठ के स्वास्थ्य में सुधार आने लगा। एक दिन उसने मोची को बुलाया और कहा – मेरी बीमारी का इलाज बड़े बड़े डॉक्टर नहीं कर पाये लेकिन तुम्हारे भजन ने मेरा स्वास्थ्य सुधार दिया ये लो 1000 रुपये इनाम, मोची खुश होते हुए पैसे लेकर चला गया ।
लेकिन उस रात मोची को बिल्कुल नींद नहीं आई वो सारी रात यही सोचता रहा कि इतने सारे पैसों को कहाँ छुपा कर रखूं और इनसे क्या क्या खरीदना है? इसी सोच की वजह से वो इतना परेशान हुआ कि अगले दिन काम पे भी नहीं जा पाया।
अब भजन गाना तो जैसे वो भूल ही गया था, मन में खुशी थी पैसे की। अब तो उसने काम पर जाना ही बंद कर दिया और धीरे धीरे उसकी दुकानदारी भी चौपट होने लगी । इधर सेठ की बीमारी फिर से बढ़ती जा रही थी ।
एक दिन मोची सेठ के बंगले में आया और बोला सेठ जी आप अपने ये पैसे वापस रख लीजिये, इस धन की वजह से मेरा धंधा चौपट हो गया, मैं भजन गाना ही भूल गया। इस धन ने तो मेरा परमात्मा से नाता ही तुड़वा दिया। मोची पैसे वापस करके फिर से अपने काम में लग गया ।
मित्रों ये एक कहानी मात्र नहीं है ये एक सीख है कि किस तरह हम पैसों का लालच हमको अपनों से दूर ले जाता है हम भूल जाते हैं कि कोई ऐसी शक्ति भी है जिसने हमें बनाया है। आज के माहौल में ये सब बहुत देखते को मिलता है लोग 24 घंटे सिर्फ जॉब की बात करते हैं, बिज़निस की बात करते हैं, पैसों की बात करते हैं।
हालाँकि धन जीवन यापन के लिए बहुत जरुरी है लेकिन उसके लिए अपने अस्तित्व को भूल जाना मूर्खता ही है। आप खूब पैसा कमाइए लेकिन साथ ही साथ अपने माता -पिता की सेवा करिये , दूसरों के हित की बातें सोचिये और भगवान का स्मरण करिये यही इस कहानी की शिक्षा है |
Chhote Bachcho Ke Liye Kahani |
तो दोस्तों, इस छोटी से कहानी को शुरु से लेकर अंत तक पुरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यावाद्। उम्मीद करता हुँ कि आपको इस छोटे बच्चों के लिए कहानी (Chhote Bachcho Ke Liye Kahani) कुछ सिखने को जरुर मिला होगा। आपको इस कहानी से क्या सीख मिला आप मुझे नीचे कमेंट में जरुर बतायें।
तो चलिए दोस्तों, आज के इस Article में बस इतना ही। अगर आपको ये इच्छा कर रहा है कि इस तरह कि कहानियाँ मुझे और पढ़नी चाहिये तो नीचे मैं कुछ कहानी लिखा हुँ। जिसपर Click करके आप उसे पढ़ सकते है।
धन्यवाद...
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