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Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani।सबसे खतरनाक चुड़ैल की कहानी

Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani। सबसे खतरनाक चुड़ैल की कहानी। पीपल वाला भूत 

नमस्कार दोस्तों, इस समय आप Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani (सबसे खतरनाक चुड़ैल की कहानी) "पीपल वाला भुत"  पढ़ने वाले है। दोस्तों यह जो कहानी है एक सच्ची घटना पर आधारित है। इसलिए आप इसे शुरु से लेकर अंत तक जरुर पढ़ें। 


तो चलिए इस कहानी को शुरु करते है।


Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani। सबसे खतरनाक चुड़ैल की कहानी। Excited Indian
Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani


मेरे गाँव से एक किलोमीटर दूर एक बड़ा सा पीपल का पेड़ है! वह एक विशाल पेड़ है जिसकी शाखाएं लम्बी-लम्बी और ऊपर से नीचे की और आकर ऊपर की ओर मुडी हुई मोर के आकर की है! वह पेड़ देखने मैं इतना भयानक लगता है कि मेरे तो उस दिन कि घटना के बाद रोंगटे खड़े हो जाते हैं! उस पेड़ की शाखाएं कम से कम आधे बीघे मैं फेली हुई हैं!



शायद तुम लोगों मैं से कोई मानता हो या न मानता हो लेकिन मैं ज़रूर मानता हूँ की भूत चुडेल आत्मायें होती है! हर गली हर चौराहे पर ऐसी बुरी आत्मायें होती हैं!वो तक तक नहीं हमे दिखती जब तक वो हमे दिखना नहीं चाहती हैं! यह आत्मायें जब दिखती हैं जब किसी की राशि उस आत्मा से मिल जाये दिखती हैं ! मैं तुम्हीं एक ऐसी हकीक़त की कहानी बताने जा रहा हूँ जिस को मैं याद करते ही मेरे रोयें खड़े हो जाते हैं अब मैं आपको उस घटना के बारे मैं बताता हूँ ।



मैं ओर मेरे दोस्त उस पीपल के पेड़ पर खेलने जाया करते थे उस पेड़ की सखाओं पर हम झूले की तरह झूला करते थे! उस पेड़ की छाया इतनी घनी थी की सारे पंछी उसी पे बैठा करते थे ओर हम लोग गर्मियों मैं उस पर जा के झूलते थे बड़ा मजा आता था! वेसे उस पेड़ के बारे मैं लोग कहा करते थे कि उस पेड़ पर भूत रहते हैं! पर हम बच्चे कहाँ किसी की मानते थे! बस रोज खेलने को चल दिया करते थे!



एक बार की बात है दोपहर का समय था हम तीन दोस्तों ने मैं ओर मेरे दो दोस्त उस दिन जल्दी चले गए १२:०० बजे का समय था हम लोग वहां पहुँच गए ओर हम लोगो ने प्लान बनाया की हम लोग ऊँचाई पर जाके छिप जाते हैं ओर वो लोग आयेंगे तो हम लोग उन्हें भूत बनकर डराएंगे ओर हमने अपने-अपने पेन्ट मैं कुछ पत्थर भर के ऊपर चढ़ गए।



दोस्तों एक बात ओर बता दूं की उस पेड़ से दो खेत दूर एक कुआं था जिस पर कोई रहता नहीं था बस एक रस्सी ओर बाल्टी के सिवाय हम लोग जब खेल खेलकर थक जाते थे तो उस पर जा कर पानी पिया करते थे!  



एक बजे का टाइम था जब हम लोग इंतज़ार कर के थक गए वो लोग नहीं आये तो हम मैं से एक ने कहा की चलो पानी पी कर आते हैं तो मैंने उन से कहा कि मुझे प्यास नहीं लगी है तुम लोग चले जाओ दोस्तों वो लोग उतर कर पानी पीने चले गए दोपहर का समय था सूर्य अपनी फुल तपन पर था! जोर- जोर से लू चल रही थी ओर हवा के गोल गोल झुण्ड बनकर धुल उड़ाते हुए आ जा रहे थे!



आप लोग जानते होगे गाँव मैं इन हवा के गोलाकार को (दंदूरा) कहते हैं! एक ऐसा ही हवा का गोला मैंने पीपल कि ओर आते हुए देखा बड़ी धुल उडाये हुए वो आया ओर पीपल के सारे पत्ते आवाज करने लगे खर खर ओर कुछ टूट के गिरने लगे धुल कि वजह से तो मेरी आंखें बंद हो गयी! सारे पंछी उड़ गए एक दम मैंने जब आँखे खोली तो क्या देखता हूँ एक काली सी शक्ल का बड़े-बड़े बालों बाला और इतना डरावना इंसान मेरे सामने वाली डाली पर बेठा है।



एक दम मेरे डर के मारे हाथ छुट गए और मैं नीचे जा गिरा नीचे गिरते ही मैं बेहोश हो गया! जब मेरी आंखे खुली तो देखा की मेरे दोस्त पानी पीकर लौट आये हैं मुझे उठा कर उन्होंने मुझे बिठाया नीचे पीपल के पत्ते काफी इकट्ठे हुए थे इस लिए मेरे ज्यादा नहीं लगी बस मेरे पैर से थोडा सा खून निकल आया था!जब मेरे दोस्त ने पुछा की क्या हुआ तो मैंने उन्हें बताया कि अभी इस पेड़ पर मैंने भूत देखा है!सारे दोस्त समझ रहे थे कि अजय हमे डराने की कोशिश कर रहा हे उन्होंने कहा लगता है तुझे प्यास लगी और तू ऊपर से इसलिए गिर गया है उन्होंने कहा जा तू पानी पीकर आ तब तक हम यही बेठे हैं!  




उनकी जिद कि वजह से मुझे पानी पीने जाना पड़ा मैं वैसे भी डरा हुआ था और मेरे हाथ पैर काँप रहे थे मैं मन ही मन मैं सोच रहा था कि बस आज मैं यहाँ से निकल जाऊं कल से मैं यहाँ नहीं आऊँगा मेने बाल्टी उठाई और कुए मैं डाल दी जैसे ही कुए मैं बाल्टी पहुंची एक दम से आवाज आई और वो आवाज ऐसे लग रही थी।



जैसे कोई पानी मैं बार बार कूद रहा हो मैं और डर गया जब कि रस्सी मैंने आराम से पकड़ राखी थी तो यह आवाज कैसी मैंने कुए मैं जहां कर देखा कुंए के पानी मैं मुझे वही चेहरा नजर आया एक दम से मैं पीछे हटा मुझसे कोई पीछे ऐसे टकराया कि मेरे तो होश उड़ गए और डर के मारे मेरे हाथ से रस्सी कुए मैं जा गिरी मैंने जैसे ही पीछे देखा वही भयानक शक्ल वाला आदमी खड़ा था मेरी तो आवाज बंद हो गयी।


Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani। सबसे खतरनाक चुड़ैल की कहानी। Excited Indian
Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani


उसके बड़े बड़े दांत लम्बे-लम्बे बाल दांत तो ऐसे जैसे कि साले ने कभी जिन्दगी मैं मंजन भी नहीं किया हो उसकी खाल जली हुई सी जैसे कि कोई जला हुआ इंसान इतना डरावना लग रहा था कि मैं तो बस मेरी आखे खुली थी बस शरीर मैं कोई जान नहीं थी बस मैं बेहोश हो के गिर पड़ा मेरे दोस्त सोच रहे थे कि यह अब तक क्यों नहीं आया ५ मिनिट बाद जब मेरी आंखें खुली तो मैंने देखा कि मैं पीपल के पेड़ के नीचे पड़ा हूँ।



तो मैं और डर गया कि मैं यहाँ कैसे आ गया दोस्त मुझे उठा कर लाये थे जैसे ही मैं खड़ा हुआ देखा तो मेरे दोस्त खड़े हुए थे ओर कह रहे थे लगता है तेरी तबियत ठीक नहीं है तुझे पहले बताना चाहिए था हम पानी ले आते कहीं तू कुए मैं गिर जाता तो हमारे घर वाले तो हमे भी जान से मार देते मैंने उन्हें बताया कि मेरी तबियत ख़राब नहीं हैं मेने सचमुच भूत को देखा है!उन लोगो को विश्वाश नहीं हो रहा था कि अजय जो कि कभी भी भूत के बारे मैं बोलते थे।



तो वो कहता था कि भूत नहीं होते मगर इसे आज हो क्या गया है! जो हर बात पे भूत-भूत लगाये हुआ है! भाइयो अब तक २ बज चुके थे! हमारे दोस्तों का आने का समय हो गया था! मेरे दोस्त ने कहा चलोअब ऊपर चढ़ जाते हैं और उन लोगो को डराते हैं!  



मुझे डर तो लग रहा था पर मैं दोस्तो के साथ ज्यादा ऊपर नहीं बस थोड़ी ऊँचाई पर जाके बैठ गया जब वो लोग आये तो हमने पत्थर फेकने चालू किये और तब तक हुआ क्या जोर से एक (दंदूरा) हवा का झोका आया और सरे पीपल को उसने झकझोर दिया हम लोगो को लगा जैसे कि कोई उसे झकझोर के उखाड़ने कि कोशिश कर रहा हो मेरे दोस्तों ने समझा कि भूत है।




इस पेड़ पर और वो सारे लोग डर कर भाग गए ओर हम बड़े ही खुश हुए कि आज तो इन्हें हमने डरा ही दिया पर हमे क्या पता था कि वो कक्का (भूत) भी यह सब देख रहा है ओर उसने जोर से पेड़ को हिलाया जैसे ही मैंने मेरे दोस्तों ने यह सब देखा जल्दी-जल्दी उतरने लगे अब की बार तो उसकी आंखें लाल लाल दांत होठो से बहार हम वहां से भागे मैं तो डाली पकड़ के कूद पड़ा मेरे दोस्त जिस से लटका वो डाली टूट गयी ओर एक दम से नीचे गिरा मैंने उसे उठाया तक नहीं मैं वहां से भागा।



मेरे दोस्त भी पीछे पीछे बस फिर तो हम ने मुड कर नहीं देखा घर आ के ही हमने दम लिया हमने देखा कि हमारा दोस्त नीरज नहीं दिख रहा है तो हमने उसे उधर से लेट आते हुए देखा वो आराम - आराम से आ रहा था उसकी आंखें लाल हाव भाव बदले हुए नज़र आ रहे थे हमने उनसे पुछा कि नीरज क्या हुआ तो उसने कुछ नहीं कहा बस हमारी तरफ ऐसी ही नजरों से वह देख कर चला गया ओर जाकर सीधे अपनी चबूतरे पर जा कर बेठ गया।



उसके हाव भाव बदले आवाज भारी सी हो गयी है! जब घर के सब लोगो ने उसे देखा ओर कहा कहाँ गए थे तुम लोग तब मेरे दोस्त सुरेश ने सारी बात बता दी तब हमारे चाचा जी ने कहा में हमेशा मन करता रहता हूँ इन लोगों को कि पीपल के पास मत जाया करो पर यह लोग मानते ही नहीं अब देखो इसका क्या हाल हुआ है।



अब जा कर भगत जी को बुला के ले आओ हमारे गांव मैं एक बाबा हैं शियाराम जो हनुमान के मंदिर मैं रहते हैं ओर पूजा करते हैं वो तंत्र मंत्र इन चीजो मैं माहिर हैं!इसलिए उन्हें लोग भगत जी के नाम से बुलाते हैं तब मैं जाकर मंदिर से भगत जी को बुलाया भगत जी ने मुझसे कहा कि पहले कुल्ला कर ओर जाकर हुनमान के मंदिर से (भभूत) राख ले कर आ तब मैंने राख ली।


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Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani


तब तक भगत जी ने कुल्ला कर के अपना कमंडल (साधुओं के पास जो पानी पीने के लिए होता है) उठाया ओर चल दिए ओर मैं उनके पीछे-पीछे चल दिया भगत जी वहां पहुंचे ओर पहुँचते ही सब समझ गए ओर कहा भाई तुम यहाँ क्या लेने आये हो वो चुप रहा कुछ बोला नहीं तब भगत जी समझ गए कि तू ऐसे नहीं बताएगा तब भगत जी ने धरती के पैर छूकर बैठ कर मुझसे राख माँगी मैंने उनको राख दे दी।



तब उन्होंने कुछ मंत्र बोला कर उस राख को उसके ऊपर फेख दिया ओर कुछ कमंडल से जल के छींटे मारे तक उसका कान पकड़ के बोले बता तुने इस लड़के को क्योँ पकड़ रखा ओर कौन है तू ओर कहाँ से आया है तब उसने बताया कि मैं पास के पीपल के पेड़ पर रहने वाला भूत हूँ यह लोग मुझे दोपहर के समय सोने नहीं देते थे इसलिए मैंने इनको डराया ओर इसको पकड़ लिया भगत जी बोले तू पीपल को छोड़ ओर कहीं दूर जंगल मैं चला जा ओर वो पीपल बच्चों के खेलने के लिए है!  




पर मैं कहाँ जाऊंगा तब भगत जी ने कहा कि तू ऐसे हीओ चला जागेगा या फिर निकालूँ अपना बज्र ओर भगत जी की आखें लाल हो गयी तब भूत ने कहा आप मेरा कान छोड़ोगे तभी तो मैं जाऊँगा देख कितना अच्छा बच्चा है इतना जल्दी समझ गया एक दम नीरज हिला ओर वो नोर्मल हो गया जैसे कि अभी सोकर जगा हुआ है।



तब भगत जी ने कहा जाओ अब पीपल वाला भूत भाग चूका है अब तुम कभी भी जा कर उस पेड़ पर खेल सकते हो! हाँ दोस्तों एक बात बताना मैं भूल गया ज भगत जी आँखों मैं जो चमक आई वो हनुमान जी थे ओर उन्ही ने कहा था कि मैं बज्र से मारू क्या तुझे ! तो प्रेम से बोलिए संकट मोचन हनुमान जी की जय तब से हम लोग भूतो पर विश्वाश करने लगे हैं ओर उनसे अब डर नहीं लगता जब भी डर लगे तो बोलना जय बजरंग बली की जय


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Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani


तो दोस्तों, इस कहानी को शुरु से अंत तक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। तहे दिल से शुक्रिया। उम्मीद करते है कि आपको यह कहानी Sabse Khatarnak Chudail Ki Kahani (सबसे खतरनाक चुड़ैल की कहानी) "पीपल वाला भुत" जरुर पसंद आया होगा। अगर आपको यह कहानी पसंद आया है तो आप इसे अपने यार दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें। ताकि यह कहानी और भी लोंगो तक आसानी से पहुँच सकें।


धन्यवाद।



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