.

Chhoti Naitik Kahani (नन्हीं चिड़िया) - Excited Indian

छोटी नैतिक कहानी (Chhoti Naitik Kahani)


दोस्तों, आज का यह छोटी नैतिक कहानी (Chhoti Naitik Kahani) तो एक नन्हीं चिड़िया का है। लेकिन ये कहानी हमें यह सिखाता है कि हमें परिवार में कैसे मिलकर रहना चाहिये। यह कहानी आज के इस समाज के लिए एक आइना का काम करती है। 


        आखिर क्या होता है इस कहानी में? इसे जानने के लिए आपको ये कहानी को पुरे ध्यानपुर्वक आपको शुरु से लेकर अंत तक पढ़ना होगा। तभी आपको ये पता चल पायेगा कि जब एक नन्हीं सी, एक छोटी से चिड़िया के इस तरह के विचार हो सकते है तो हम जैसे विकसित इंसान का सोच ऐसा क्यों नही हो सकता है? 



Chhoti Naitik Kahani (नन्हीं चिड़िया) - Excited Indian
Chhoti Naitik Kahani-नन्हीं चिड़िया


तो दोस्तों, अभी आपको इस कहानी को पुरा पढ़ना है। तो चलिए इस कहानी को शुरू करते है।


नन्हीं चिड़िया


        प्रेरक कहानियाँ इंसान को निराशा से आशा की ओर ले जाने का मार्ग दिखाती हैं। प्रेरक कहानियाँ पढ़ने से इंसान के आचार और विचारों में सकारात्मक भावना आती है:-



        बहुत समय पुरानी बात है, एक बहुत घना जंगल हुआ करता था| एक बार किन्हीं कारणों से पूरे जंगल में भीषण आग लग गयी| सभी जानवर देख के डर रहे थे की अब क्या होगा??



        थोड़ी ही देर में जंगल में भगदड़ मच गयी सभी जानवर इधर से उधर भाग रहे थे पूरा जंगल अपनी अपनी जान बचाने में लगा हुआ था| उस जंगल में एक नन्हीं चिड़िया रहा करती थी उसने देखा क़ि सभी लोग भयभीत हैं जंगल में आग लगी है मुझे लोगों की मदद करनी चाहिए|



        यही सोचकर वह जल्दी ही पास की नदी में गयी और चोच में पानी भरकर लाई और आग में डालने लगी| वह बार बार नदी में जाती और चोच में पानी डालती| पास से ही एक उल्लू गुजर रहा था उसने चिड़िया की इस हरकत को देखा और मन ही मन सोचने लगा बोला क़ि ये चिड़िया कितनी मूर्ख है इतनी भीषण आग को ये चोंच में पानी भरकर कैसे बुझा सकती है|



यही सोचकर वह चिड़िया के पास गया और बोला कि तुम मूर्ख हो इस तरह से आग नहीं बुझाई जा सकती है|

Chhoti Naitik Kahani (नन्हीं चिड़िया) - Excited Indian
Chhoti Naitik Kahani - नन्हीं चिड़िया



        चिड़िया ने बहुत विनम्रता के साथ उत्तर दिया-“मुझे पता है कि मेरे इस प्रयास से कुछ नहीं होगा लेकिन मुझे अपनी तरफ से best करना है, आग कितनी भी भयंकर हो लेकिन मैं अपना प्रयास नहीं छोड़ूँगी”



उल्लू यह सुनकर बहुत प्रभावित हुआ|



        तो मित्रों यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है| जब कोई परेशानी आती है तो इंसान घबराकर हार मान लेता है लेकिन हमें बिना डरे प्रयास करते रहना चाहिए यही इस कहानी की शिक्षा है|



        नंदन वन में एक नन्हीं चिड़िया रहती थी जिसके दो मुँह थे। दो मुँह होने के कारण वह चिड़िया दूसरे पछियों से बिल्कुल विचित्र दिखती थी। वह चिड़िया एक बरगद के पेड़ पर घौंसला बना कर रहती थी।



        एक दिन वह चिड़िया जंगल में भोजन की तलाश में इधर उधर उड़ रही थी। अचानक चिड़िया के दायें वाले मुँह की नजर एक लाल फल पर पड़ी। देखते ही उसके मुँह में पानी आ गया और वह तेजी से वो लाल फल खाने को आगे बढ़ी।



        अब चिड़िया का दायाँ मुँह बड़े स्वाद से वो फल खा रहा था। बायाँ मुँह बेचारा बार बार दाएं मुंह की तरफ देख रहा था कि ये मुझे भी खाने को दे लेकिन दायाँ वाला चुपचाप मस्ती से फल खाये जा रहा था।



    अब बाएँ मुँह ने दाएँ वाले से प्रार्थना की, कि थोड़ा सा फल खाने को मुझे भी दे दो तो इसपर दाएं मुंह ने गुस्सा दिखाते हुए कहा – कि हम दोनों का पेट एक ही है। अगर मैं खाऊँगा तो वो हमारे पेट में ही जायेगा। लेकिन उसने बाएं वाले को कुछ खाने को नहीं दिया।



        अगले दिन चिड़िया फिर से जंगल में खाने की तलाश में उड़ रही थी। तभी बाएं मुँह की नजर एक अदभुत फल पर पड़ी जो बहुत चमकीला था। वह तेजी से उस फल की तरफ लपका। अब जैसे ही वो फल खाने को हुआ तुरंत पास बैठे एक कौए ने चेतावनी दी कि इस फल को मत खाओ ये बहुत जहरीला है।



        ये सुनकर दायाँ मुंह भी चौंका और बाएं से प्रार्थना की कि इस फल को मत खाओ ये हमारे लिए बहुत खतरनाक साबित होगा लेकिन बाएं मुंह को तो दाएं से बदला लेना था।



Chhoti Naitik Kahani (नन्हीं चिड़िया) - Excited Indian
Chhoti Naitik Kahani - नन्हीं चिड़िया


        उसने एक ना सुनी और चुपचाप वह फल खाने लगा। कुछ ही देर में चिड़िया का शरीर मृत होकर जमीन पर गिर पड़ा।



दोस्तों कहानी सुनने में तो आनंद आया होगा लेकिन जब मैं आपको इसकी शिक्षा बताऊंगा तो आपकी आँखे फटी रह जाएँगी। 


आजकल के माहौल में देखा जाता है कि एक ही परिवार के लोग एक दूसरे से ईर्ष्या करते हैं, एक दूसरे से दुश्मनी रखते हैं। लेकिन जब भी वह एक दूसरे को नुकसान पहुँचाने का सोचते हैं या एक दूसरे से बदला लेने का सोचते हैं तो नुकसान पूरे परिवार का ही होता है। इसलिए एक दूसरे से मिल जुल कर रहें क्योंकि अगर परिवार का एक भी सदस्य गलत काम करे तो नुकसान पूरे परिवार का होता है। 


यही इस कहानी की शिक्षा है। 


धन्यवाद!!


तो दोस्तों, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद करता हुँ कि आपने मेरे कहने पर इस कहानी को शुरु से अंत तक पुरा पढ़ा। मुझे आशा है इस कहानी हमें क्या शिक्षा दे रही है आपको समझ में आ रहा होगा। 



अगर अपको इस तरह कि कहानी को पढ़ना है तो मैं ऐसे ही सीख देने वाला बहुत सारा कहानी का Link दिया हुँ। आप इसे भी जरुर पढ़े। अगर आपके पास अभी समय नही है , अगर अप इस समय व्यस्त है तो बाद में ही सही लेकिन जरुर पढिये। 



ताकि इस तरह के कहानी पढ़ने से , इस तरह जानकारी फैलाने से ही इस समाज का कुरितीयाँ खत्म होगा।



तो चलिए दोस्तों, इस कहानी में बस इतना ही:-



धन्यवाद...


नीचे दिए गए कहानी को जरुर पढ़े:-

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.